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जूलियन असांज को अमेरिका प्रत्यर्पण से रोकने के लिए एक विश्वव्यापी आंदोलन के हित में

उनके स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए एक वैश्विक रक्षा समिति के गठन!

विश्व समाजवादी वेब-साइट और समाजवादी समानता दल, जो फोर्थ इंटरनेशनल के अंतर्राष्ट्रीय समिति से संबद्धयुक्त है, एक सार्वत्रिक आंदोलन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय आह्वान कर रहे है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज के प्रत्यर्पण को रोकने और व्हिसलब्लोअर चेल्सी मैनिंग की स्वतंत्रता सुरक्षित करने के लिए है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन, बैठकों, रैलियों, और सार्वजनिक सम्मेलनों के आयोजन से ही -प्रतिक्रियावादी सरकारों, उनकी खुफिया एजेंसियों द्वारा जूलियन असांज को खामोश कराने और नष्ट करने के लिए राजनीतिक एजेंटों की योजनाओं को विफल करना और उन्हें नष्ट करना संभव होगा।

इस मुहिम का मकसद जनान्दोलन पैदा करना और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनियां के श्रमिक वर्ग, जोकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा है और इस धरती की सबसे मजबूत सामाजिक शक्ति है, उन्हें एकजुट करना तथा राजनीतिक रूप से जगाना है । और वास्तव में, असांज के बचाव के लिए ही नही बल्कि सभी कामगारों के लोकतांत्रिक और सामाजिक अधिकारों के लिए गोलबन्द करना भी है।

१२ जून को ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया का श्री गणेश कर राजनीतिक तौर पर एक विकृत और अनैतिक कानूनी प्रक्रिया को शुरु कर दिया है जोकि फरवरी २०२० तक असांज को अमरीका को सौंपने के साथ ही समाप्त होने वाली है।

गृह सचिव प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर मोहर लगने के एक हफ्ते पूर्व ही स्वीडिश न्यायाधीश ने कहा था कि असांज को पकड़ने के लिए कोई आधार नहीं था, इससे हम देख सकते हैं उन्होंने उन झूठों को, जिनका इस्तेमाल उन्हें बदनाम करने और अलग-थलग करने के लिए किया गया था । शुरू से ही, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया राज्य के अधिकारियों का उद्देश्य- साम्राज्यवादी युद्ध अपराधों को उजागर करने वाले इस साहसी पत्रकार को खामोश कराना और नष्ट करना रहा है। शेर दिल चेल्सी मैनिंग, जो एक मानव शालीनता और अखंडता का उदाहरण है, उन्हें भी इसी तरह विनाश के लिए लक्षित किया गया है।

असांज के साथ ब्रिटिश सरकार के व्यवहार का हर पहलू न्याय का मखौल उड़ाता है। १३ जून को बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू मे साजिद जाविद ने कहा, “सबसे पहले तो मैं बहुत खुश हूं कि पुलिस ने असांज को गिरफ्तार कर लिया है और अब वो ब्रिटिश कानून तोड़ने के लिए जेल में है”। दरअसल असांज ने कोई कानून नही तोडा। २०१२ में उसने कानूनी तौर पर इक्वाडोर के दूतावास से राजनीतिक शरण मांगी थी। ऐसा उन्होंने तब किया था जब स्वीडन के अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न के फर्जी आरोप लगा कर उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित करने की योजना बना रहे थे।

कंगारू कोर्ट की अध्यक्षता कर रही न्यायाधीश एम्मा अर्बुथनॉट, एक प्रतिक्रियावादी कंजर्वेटिव पार्टी के राजनीतिज्ञ, जेम्स अर्बुथनॉट की पत्नी हैं। हाउस ऑफ लॉर्ड्स में प्रवेश करने से पहले, बैरन अर्बुथनॉट ने रक्षा मंत्रालय में एक उच्च पद संभाला। ब्रिटिश राज्य और हथियारों के उद्योग से उनका निकटतम संबंध है। इससे पहले कई दफा उन्हें सार्वजनिक धन निजी उपयोग के लिए निकालने के लिए आधिकारिक तौर पर फटकार भी लगी है । इनकी पत्नी श्रीमती एमा को इन कनेक्शनों के कारण कोर्ट की कार्रवाइयों से अलग रहना चाहिए, लेकिन उसने इन मांगों को अस्वीकार कर दिया है।

हर कोई जानता है कि जज अर्बुथनॉट की अध्यक्षता में कानूनी न्याय के नाम पर खेले गये ये ढकोसले कहां खत्म होंगे। इस कार्रवाई का एक एक हरफ पहले से निर्धारित था। यहां तक कि सुनाए जाने वाले फैसले की लाइनें भी पहले से रटी हुई थी। फरवरी में असांज को अमरीकी हाथों में सौंप दिया जाएगा, जहां उसे युद्ध अपराधियों के चंगुल में रखा जाएगा, जिन्हें बेनकाब करने के लिए वो अभी तक इतने जोखिम उठाते रहे । पहले से दायर आरोपों के आधार पर, जूलियन असांज को १७५ साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा। जिस भयावह स्थिति के साथ उसे धमकी मिली है, उसकी भयावह स्थितियां अमेरिकी संविधान के "क्रूर और असामान्य सजा" के मुकदमे का मजाक उड़ाएंगी।

जूलियन असांज की स्वतंत्रता सुरक्षित होनी चाहिए। उसकी रक्षा में एक अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन आयोजित किया जाना चाहिए। असांज की आजादी की हिफाजत बेहद जरुरी है। उसकी सुरक्षा को लेकर

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आंदोलन छेड़ना होगा। और यह काम तुरन्त करना होगा क्योंकि अब वक्त नही बचा है। अभी से लेकर फरवरी तक का समय बेहद महत्वपूर्ण है, इस आंदोलन मे दुनियाभर के मेहनतकश तबको,छात्रों, युवाओं, कलाकारों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को असांज के जीवन को बचाने के लिए सड़कों पर बाहर आना ही होगा। असांज के पक्ष मे जनमानस मे गहरी सहानुभूति और सदभावना है लेकिन यह अभी असंगठित है, इसलिए दुनियाभर में फैली इस सहानुभूति और संवेदना को एक विश्व आन्दोलन के रुप मे गोलबंद किए जाने की सख्त जरूरत है। उसे अमेरिका भेजने और उसकी स्वतंत्रता को सुरक्षित करने की साजिश को हराने के लिए लड़ना होगा।

असांज एक विशाल-काय आपराधिक साजिश का शिकार है, जिसमें दुनिया की सबसे शक्तिशाली सरकारें, उनकी इंटेलिजेंस एजेन्सियों और कारपोरेट मीडिया सामिल है।

एक समय आएगा जब इस आपराधिक साजिश की एक एक बात आम इंसान तक पहुंचेगी, कि कैसे असांज पर यौन उत्पीडन के झूठे आरोप लगाए गए, कैस स्वीडन में तुरतफुरत इन आरोपों पर कार्यवाही की गई और स्टाकहोम, लन्डन,सिडनी और क्वीटो की इँटेलिजेंस एजेन्सियों ने आपसी मिलीभगत से इस साजिश को अंजाम दिया और इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड अमरीका था,जिसने साम,दाम,दन्ड भेद हर तरह से इस षडयंत्र को अंजाम दिया।

असांज की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक बड़ा हमला है।जिसका उद्देश्य बोलने की स्वतंत्रता को नष्ट करना, खोजी पत्रकारिता को अवैध बनाना, आलोचकों को डराना और आतंकित करना, सरकारी अपराधों के जोखिम को रोकना और सामाजिक असमानता और युद्ध के लिए बड़े पैमाने पर लोकप्रिय विरोध को दबा देना है।

पहले से ही, असांज के खिलाफ जासूसी अधिनियम के आरोपों के अनावरण ने पत्रकारों पर अंतरराष्ट्रीय हमलों के लिए बाढ़ को खोल दिया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में पुलिस पर छापे भी शामिल हैं, जिसमें युद्ध अपराधों और जासूसी को उजागर करने वाले लेखों और फ्रांस में चालें पत्रकारों पर मुकदमा चलाने के लिए हैं, जिन्होंने येमेन के खिलाफ नरसंहार युद्ध में सरकारी सहापराध को उजागर किया है।

अमेरिका के भीतर, ट्रम्प प्रशासन अमेरिकी इतिहास में मुक्त भाषण पर सबसे गंभीर हमले में संविधान के पहले संशोधन सुरक्षा को खत्म करने की मांग कर रहा है। विश्व स्तर पर, यह हर जगह पत्रकारों, प्रकाशकों और कार्यकर्ताओं के अभियोजन के लिए स्थितियां बनाने की कोशिश कर रहा है, जो अमेरिकी सरकार के अगर वे बिरोध करते हैं तो अमेरिकी आरोपों और प्रत्यर्पण का सामना करना पर सकते हैं। सत्तारूढ़ कुलीन लोग पूंजीवादी व्यवस्था के बढ़ते सामाजिक विरोध का जवाब दे रहे हैं, जो फासीवादी और अति दक्षिणपंथी आंदोलनों को बढ़ावा दे रहे हैं, कभी पॉलिसी ब्यबस्था पर अधिक खर्च रहे हैं, और युद्ध की तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं। वे श्रमिकों, युवाओं, कलाकारों और बुद्धिजीवियों को डराने और सामूहिक राजनीतिक उत्पीड़न के लिए एक मिसाल बनाने के लिए असांज को पीड़ित कर रहे हैं।

लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रमिक वर्ग सभी सरकारों, खुफिया एजेंसियों और निगमों की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। जिस तरह पूंजीपति वर्ग तानाशाही के लिए अपनी योजनाओं के आवश्यक तत्व के रूप में असांज के उत्पीड़न का उपयोग कर रहा है, इसलिए मज़दूर वर्ग को सैन्यवाद के खिलाफ अपनी रक्षा को जवाबी कार्रवाई और लोकतांत्रिक और सामाजिक अधिकारों पर सभी हमलों के लिए केंद्र बिंदु बनाना चाहिए।

इस संघर्ष में विजय के लिए राजनीतिक परिप्रेक्ष्य की आवश्यकता है। जूलियन असांज और चेल्सी मैनिंग की रक्षा को एक वैश्विक रणनीति द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए, जो सचेत रूप से पूंजीवादी शोषण और राजनीतिक उत्पीड़न के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक वर्ग के वास्तविक और बढ़ते सामाजिक संघर्ष के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई को जोड़ेगा। अंतर्राष्ट्रीय वर्ग संघर्ष एक ज्वार है, जो जूलियन की स्वतंत्रता प्राप्त करने के संघर्ष के लिए शक्तिशाली जन आधार प्रदान करता है। अंतिम विश्लेषण में,जूलियन असांज और चेल्सी मैनिंग-दुनिया भर में सताए गए भाई-बहनों की तरह— युद्ध कैदी हैं।

दुनिया भर में बढ़ते आंदोलन- संयुक्त राज्य अमेरिका और पोलैंड में शिक्षकों, मेक्सिको में मकीलाडोरा श्रमिकों की बेतहाशा कार्रवाई, भारत में सामान्य हड़ताल, अल्जीरिया, जिम्बाब्वे और सूडान में बड़े पैमाने पर आंदोलन, फ्रांस में अपरिवर्तनीय पीला बनियान विरोध प्रदर्शन और, हाल ही में, हांगकांग में लाखों श्रमिकों, छात्रों और युवाओं के प्रदर्शन-आम लोगों को उनके मौलिक नागरिक स्वतंत्रता और सामाजिक अधिकारों के लिए लड़ने के दृढ़ संकल्प की गवाही देते हैं। इन संघर्षों ने कॉर्पोरेट को भयभीत कर दिया है।

जूलियन असांज की आज़ादी को सुरक्षित रखने के लिए आंदोलन नीचे से होना चाहिए। सरकारों से नैतिक आवेदन है कि जो उसे सता रहे हैं, वे बेकार से कम हैं। असांज की आज़ादी को स्वतंत्र रूप से और शासक वर्ग के राजनीतिक एजेंटों के विरोध में लड़ना चाहिए। सामाजिक वास्तविकता के सही मूल्यांकन पर इस लड़ाई को जीता जा सकता है। सत्ताधारी कुलीन वर्ग सर्वशक्तिमान नहीं हैं, पर उनकी निर्ममता को कम करके नहीं दिखाया जाना चाहिए।

निराशावाद, सभी भावनाओं का सबसे हानिकारक हिस्सा है, उत्साह भंग को छोड़कर लड़ाई में कुछ भी योगदान नहीं कर सकता। जो हासिल किया जा सकता है वह संघर्ष में निर्धारित किया जाएगा।

इस संघर्ष को एक नए और उच्च स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए, विश्व समाजवादी वेब साइट, दुनिया भर में वैश्विक रक्षा समिति के गठन का आह्वान करती है। इस समिति का उद्देश्य जूलियन असांज पे हुए अत्याचार को समाप्त करना और उसकी आज़ादी को सुरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय लड़ाई को फोर्थ इंटरनेशनल समिति और उसके संबद्ध पक्षों की राजनीतिक आवाज को, एक वैश्विक रक्षा समिति के व्यवस्थित और समन्वित करना है। लड़ने की इच्छा को सामूहिक कार्रवाई में बदलना होगा। वैश्विक रक्षा समिति के गठन और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई के एक कार्यक्रम को विकसित करने का काम शुरू करना इस बयान का उद्देश्य है।

इस ऐतिहासिक लड़ाई में हम सभी प्रगतिशील, समाजवादी और वामपंथी व्यक्तियों और संगठनों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक राजसी प्रतिबद्धता के आधार पर सहयोग का स्वागत करते हैं।

हमें यह अपेक्क्षा नहीं है कि जो लोग इस समिति में शामिल होंगे, वे विश्व समाजवादी वेब साइट और फोर्थ इंटरनेशनल की अंतर्राष्ट्रीय समिति द्वारा राजनीतिक विचारों और कार्यक्रम के सभी पहलुओं से सहमत होंगे। इस महत्वपूर्ण रक्षा आंदोलन में लगे लोगों के बीच - पदों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जगह होनी चाहिए, आवश्यक रूप से राजनीतिक अधिकार वालों को छोड़कर। हम केवल यह चाहते हैं कि समिति में शामिल होने वाले लोग लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए बिना शर्त प्रतिबद्ध हो, और जूलियन असांज और चेल्सी मैनिंग की आज़ादी एक लोकप्रिय जन आंदोलन के निर्माण पर निर्भर करती है ये बिस्वास करें।

जो लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए गंभीर रूप से प्रतिबद्ध है, वह कोई भी आंदोलन के बाहर नहीं रह सकता है। जूलियन असांज का मामला मुक्त भाषण, सच्चाई, और शोषण, तानाशाही और युद्ध के खिलाफ लड़ाई है। इक्कीसवीं सदी का विश्व पूंजीवादी व्यवस्था की बुनियादी बुराइयों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रणभूमि है।

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